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  • 10 वां पंचगव्य चिकित्सा अन्तराष्ट्रीय महासम्मेलन अर्थात गव्यसिद्धों का महाकुम्भ 18-20 नवम्बर स्थल कान्हा शांति वनम भाग्य नगर (हैदराबाद) में आयोजित होने जा रहा है. भाग लेने के लिए ऑनलाइन बुकिंग अवश्य करें. Online Registration: www.gavyasiddh.com,  अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें  8 95 00 95 00 0. एवं मेल लिखें Email : gavyarthi@gmail.com.

  • प्रादेशिक संगठन

  • पंचगव्य विचार (Poll)

    गोमाता में लम्पी नाम की बीमारी (वायरस) गोवंश को समाप्त करने के लिए जान-बूझ कर फैलाया गया है या प्रकृति प्रदत है ?

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  • सूचना

  • कोरोना कोई गंभीर वायरस नहीं है. गर्म जल के साथ आयुर्वेद के कुछ मसालों से भाग रहा है. जैसे दालचीनी, कालीमीर्च, अदरख, तुलसी के पत्ते और कडू नीम आदि से. पंचगव्य में भी इस पर अच्छा परिणाम आ रहा है. कालमेघ मिश्रित गोमूत्र अर्क से हजारों लोगों का कोरोना पोजिटिव ठीक हुआ है. जिसके कुछ साक्षात्कार u-tube पर दिए गए हैं. भारतीय रसोईघर के संस्कार में बंधे रहे. निरोगी रहें. महर्षि वागभट्ट के तीन सुरक्षा चक्र में रहें. जीवन निरोगी रहेगा. 1) गोमाता, 2) तुलसी और 3) रसोईघर.
    हमारा नारा – गौ माँ से असाध्य नहीं कोई रोग. एवं गौ माँ से निरोगी भारत, नारी गव्यसिद्धों के नेतृत्व में शीघ्र “गव्यहाट” pvt. Ltd. का शुभारम्भ छत्रपति की पूण्य भूमि महारास्ट्र से. वेब पेज www.gavyahaat.org – Launching soon – (लक्ष्य-गव्यसिद्धों के पंचगव्य उत्पाद को विश्व बाजार में पहुँचा कर उन्हें समृद्ध बनाना.) पंचम पंचगव्य चिकित्सा महासम्मेलन हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 9 से 12 नवम्बर 2017 निर्धारित. मार्च 2017 से नामांकन शुरू हो रहा है. (1) एडवांस पंचगव्य थेरेपी – 2 वर्ष (2) गर्भशुद्धि-गर्भधारण-प्रसूति व बालपालन थेरेपी {केवल महिलाओं के लिए} – 2 वर्ष (3) पंचगव्य मेडिसिन प्रीप्रेसन टेकनोलाजी -2 वर्ष. (3) विशेषज्ञ कोर्स – हृदय, कैंसर, अर्थरेटिक्स, टीबी, चर्मरोग, माइग्रेन, पुरुष बाँझपन, नारी बाँझपण, बाल रोग, सिकल सेल, फस्टएड, हड्डी, डायबीटीक्स, आँख-नाक-कान, पाचनतंत्र, नाभि एवं नाडी.
    भारत में पहली बार सभी भारतीये भाषाओं में पंचगव्य चिकित्सा विज्ञान (गऊमाँ के गव्यों) की आधिकारिक पढाई. पंचगव्य अब एक सम्पूर्ण चिकित्सा थेरेपी. हमारा नारा है
    भारत में पहली बार सभी भारतीये भाषाओं में पंचगव्य चिकित्सा विज्ञान (गऊमाँ के गव्यों) की आधिकारिक पढाई. पंचगव्य अब एक सम्पूर्ण चिकित्सा थेरेपी. हमारा नारा है
    भारत में पहली बार सभी भारतीये भाषाओं में पंचगव्य चिकित्सा विज्ञान (गऊमाँ के गव्यों) की आधिकारिक पढाई. पंचगव्य अब एक सम्पूर्ण चिकित्सा थेरेपी. हमारा नारा है
  • आन्दोलन से जुड़ें

  • वैध्यता

    पंचगव्य डॉक्टर असोसिएशन की स्थापना 2015 में तमिलनाडु सरकार के अंतर्गत हुई थी. 2016 में इसका पंजिकरण केंद्र सरकार के अंतर्गत हो गया. इसमें पंचगव्य गुरूकुलम, पंचगव्य विद्यापीठम या इसके विस्तार केन्द्रों से कम से कम एम् डी (पंचगव्य) की शिक्षा प्राप्त गव्यसिद्ध डॉक्टर सदस्य बन सकते हैं| संगठन का उद्देश्य गव्यसिद्धों को संगठित रखना, नए – नए औषधियों से अवगत करना, समय – समय पर भारत भर में पंचगव्य चिकित्सा सम्मलेन आयोजित करना, राज्य स्तरीए सम्मलेन आयोजित करना, जिला स्तारिये पंचगव्य सम्मलेन आयोजित करना आदि. सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र जारी करना. जिसमें उनका पंजीकरण अंक इस प्रकार होगा – “एम.पी.डी.ए-0111/17” (MPDA-0111/17).

    8 thoughts on “वैध्यता”

    1. Bhaskar uplawdiya says:

      गव्यशिद्ध का कोर्स करना चाहता हु । लेकिन मन मे एक सनसय है कि इस शिक्षा को कानूनन मान्यता प्राप्त है या नही यदि है तो इसका प्रमाण क्या है कृपया करके दस्तावेज बता कर मन का संसय दूर करे। क्योंकी मेरे परिवार वाले प्रमाण मांग रहे है और तभी मुझे कोर्स करने देंगे । धन्यवाद

    2. सौरभ अहमदाबाद से says:

      नमस्ते श्रीमान जी
      मुझे गव्यसिध्द कौर्स करना
      पूरी जानकारी चाहिए कहा होगा कितने समय लगेगा कितना खर्च होगा

    3. RAMAKRISHNA says:

      NAMASTHE SIR,
      I AM SUFFERING WITH HEAVY WEIGHT,MY WEIGHT 98KG,AGE 35,HEIGHT 5.6,.
      HOW TO LOOSE MY WEIGHT PLEASE GIVE ME SUGGETIONS.TEEL ME THE MEDICINE

    4. Ajesh Kumar rathee says:

      सर् मैं गव्यसिद्ध का कोर्स करना चाहा ता हूँ आप मुझे जरूरी परमाण पत्र और ड्राफ्ट किसके नाम करना है और कक्षा कब से स्टार्ट होगी इसके बारे मैं पूरी जानकारी दे

    5. UTTAM BISWAS says:

      Mai gobsidha doctor banna chahata hu

    6. Suneel kumar chaudhary says:

      अपनी संस्था द्वारा गौ, तुलसी,गंगा, गायत्री,संस्कृति,रसोईघर, प्रकृति पर कार्य करते हैं।क्या हम सभी का मार्गदर्शन मिलेगा? उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में कार्य करते हैं।हम लोगो का उद्देश्य इस सृष्टि का कल्याण प्रकृति, मानव एवं संस्कृति में ऐसा सामंजस्य स्थापित हो जो इस धरा को अनवरत बचाया जा सकें।

    7. Dayaram says:

      गव्यशिद्ध का कोर्स करना चाहता हु ।

    8. Rakesh Kumar Bagary says:

      Want to do gavyasiddhi
      Want to open a Gavyashram and Gurukul

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